ब्राजील में बुजुर्गों की अपेक्षा युवाओं पर ज्यादा हो रहा है कोरोना का असर

ब्राजील में बुजुर्गों की अपेक्षा युवाओं पर ज्यादा हो रहा है कोरोना का असर

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया त्रस्त है। इसकी वजह से लगातार मौत होती चली जा रही है। इसलिए लोगों को अब डर लगने लगा है। यह डर सभी को है लेकिन ब्राजील को कुछ ज्यादा ही इस वायरस का खतरा है। क्योंकि कोरोना वायरस से ब्राजील बहुत बुरी तरह प्रभावित है। ब्राजील में संक्रमण से ग्रसित मरीजों की संख्या काफी अधिक है। युवा आबादी वाले देश ब्राजील में कोरोना का सबसे ज्यादा असर युवाओं पर देखने को मिल रहा है। दुनियाभर में अब तक इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों में बुजुर्ग सबसे ज्यादा है, बच्चों पर इस बीमारी का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आपात निदेशक माइक रयान ने कहा, कोरोना को लेकर कई देशों में चिंता है लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा ब्राजील प्रभावित है। डब्ल्यूएचओं द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ सकता है, इसलिए बच्चों और बुज़ुर्गों का खास ख्याल रखें। ब्राजील में नजारा और देशों से हट कर है। यहां कोरोना का असर बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं पर हो रहा है।

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जी हां, ब्राजील में संक्रमण से मरने वाले युवाओं का आकंड़ा अन्य देशों की तुलना में अधिक है। अमेरिका और रूस के बाद ब्राजील संक्रमण के 3,10,000 से ज्यादा मामलों के साथ दुनियाभर में तीसरे स्थान पर है। इस बीच यहां करीब 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील के आंकड़े इन दावों को दरकिनार करते हैं कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से बुजुर्गों के लिए घातक है। शोधकर्ताओं के एक समूह के अनुसार देश में आधिकारिक आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा मरीज हैं। जिनमें सबसे अधिक संक्रमण 20 से 29 वर्ष और 30 से 39 वर्ष आयु समूहों में है। युवा वर्ग में कोरोना संक्रमण 60 से 69 वर्ष की आयु वालों से लगभग दोगुना है। ब्राजील में कुल आबादी में 13.6 प्रतिशत आबादी 60 या उससे अधिक उम्र की है। जबकि स्पेन में 25 फीसदी और इटली में 28 फीसदी है। विशेषज्ञों की मानें तो ब्राजील के निवासी कोरोना से बचाव के लिए घरेलू उपायों का पालन कर रहे हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञ इसके लिए सरकारी नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

 

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